| 1. | परिणाम स्वरुप अशोक उग्र एवं असाध्य कुष्ठ रोग से पीड़ित हो गया।
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| 2. | यदि मंगल-शुक्र छठे तथा राहु-सूर्य लग्न में हो तो असाध्य कुष्ठ रोग होता है।
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| 3. | यदि सूर्य-शुक्र-राहू की युति पर नीचस्थ चन्द्रमा की पूर्ण दृष्टि हो तो असाध्य कुष्ठ रोग होता है।
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| 4. | विशेष-असाध्य कुष्ठ के लिये भेषजपति चन्द्रमा को शीश पर धारण करने वाले आशुतोष भूत भावन भुवानाधिपति भगवान भोले भण्डारी का शरणागत होना ही श्रेयस्कर होगा।
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| 5. | पिनक अभ्रक: पिनक अभ्रक को आग में डालने से वह परत-परत हो जाता है, अगर इसे अनजाने में खा ले तो इससे असाध्य कुष्ठ रोग हो सकता है।
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| 6. | यदि लग्नेश जो मंगल न हो, राहु के साथ छठे, आठवें या बारहवें में हो तथा शुक्र-चन्द्र पर मंगल की पूर्ण दृष्टि हो तो असाध्य कुष्ठ रोग होता है।
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